Jul 04, 2024 | Women Empowerment | Daily Report |
Women Empowerment | News Count (7) | |
1 | Women In Services -> Women Entrepreneur | 1 |
2 | Women In Services -> Women In SHG | 1 |
3 | Women in Farming -> Women In Allied Activities | 2 |
4 | Non-Governmental Schemes -> Schemes By Corporates | 1 |
5 | Government Schemes for women -> Schemes for Women Employment | 2 |
1. वेस्ट से बेस्ट बनाकर भी हो सकते हैं सफल, इस प्रोडक्ट ने महिला को बना दिया फैक्ट्री की मालकिन, पढ़ें सफलता की कहानी
- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली सोलन अग्रवाल आज अपनी खुद की लघु फैक्ट्री की मालकिन हैं। सोलन वेस्ट मेटेरियल से उपयोग करने लायक प्रोडक्ट बनाती थी। लेकिन अब कैरी बैग बनाती है और इसकी सप्लाई करती है।
- सोनल ने बताया कि कैरी बैग्स शॉपिंग मॉल, दुकान, बाजार और अन्य जगहों पर सप्लाई होती है। समय के साथ अब उनकी सेल अच्छी हो जाती है।
- सोलन मार्केट में 20 हजार से अधिक कैरी बैग्स प्रतिमाह सप्लाई करती हैं। इन बेगों की शुरूआत 100 रुपए से है और हजारों तक कीमत जाती है। ज्यादातर थोक में ही बिक्री हो जाती है।
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2. बिना लागत के यहां महिलाएं तैयार कर रही हैं जैविक खाद, ऐसे कमा रहीं मुनाफा
- उत्तरप्रदेश के अमेठी में समूह की महिलाएं बिना किसी लागत के खाद तैयार करती हैं, जिसको बेचकर वह हजारों रुपये मुनाफा कमाती हैं।
- प्रतिदिन कई कुंतल खाद तैयार कर इसकी बाकायदा बिक्री की जाती है। महिलाओं के समूह द्वारा बनाई गई खाद आजीविका का साधन बना हुआ है।
- खाद बनाने के साथ-साथ समूह की महिलाएं स्वयं उसकी पैकिंग करती हैं। महिला सुमित्रा देवी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं आज इस रोजगार से जुड़ी हुई हैं।
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3. शहद-घी से तैयार कर दी गाजर की खास किस्म, 8वीं फेल महिला की अब हर महीने ₹4 लाख से अधिक की कमाई
- राजस्थान के सीकर की संतोष पचार ने गाजर के बीजों को नई किस्म विकसित करने में सफलता पाई। जिससे “गाजर ज्यादा मीठे और चमकदार होने लगे, और उनके आकार में भी सुधार हुआ। वह अपनी कड़ी मेहनत और नई सोच से गाजर की खेती से सालाना 50 लाख रुपये की कमाई कर रही है।
- संतोष कहती है, कि नई किस्म गाजर 75 दिनों में उपज देती है, जो कि पिछले बीजों की तुलना में 15 दिन कम है। बीज जल्दी अंकुरित होते है और इनका आकार 1.5 से 2.5 फीट के बीच होता है।
- संतोष पचार को गाजर की खेती के इनोवेशन के लिए 2013 और 2017 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होनें राज्य के 7,000 से अधिक किसानों को जैविक खेती और नई तकनीकों के बारे में बताया।
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4. बकरी पालन से 50,000 रुपये कमाती हैं देवगढ़ की सुलोचना, ट्रेनिंग से बढ़ी आमदनी
- उत्तर प्रदेश में देवगढ़ जिले के केंदुछपल गांव की सुलोचना उन्नत नस्ल की बकरियों का पालने करके सलाना 50,000 रुपये की कमाई कर रही है।
- सुलोचना ने बताया कि, उन्होनें स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) के अंतर्गत बैंक से 2.5 लाख रुपये का लोन लेकर सिरोही और ब्लैक बंगाल जैसी उन्नत नस्ल की बकरियों का पालन शुरू किया।
- सुलोचना बधिया बकरा प्रति 6,000 रुपये और गैर बधिया बकरा प्रति 2,500 रुपये की दर पर बेचती है, और बकरियों को 3,500 रुपये प्रति बकरी की दर पर बेचकर कमाई कर रही है। अब वह जिले की लोकप्रिय बकरी पालक बन गयी है।
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5. Punjab Govt launches Women Empowerment Hubs
- ‘District Hubs’ aim to boost women’s skills, job opportunities, digital literacy and economic growth. The campaign will run until October 4, 2024, ensuring that the government’s efforts for women's empowerment are widely recognized and fully utilized.
- Women and Child Development Dr Baljit Kaur added that to support this initiative, a 100-day awareness campaign started on June 21. This campaign will inform people about different schemes and laws designed to protect and empower women and children, encouraging widespread participation.
- The aim of this scheme of Punjab Government is to promote Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana, Palna Yojana, Sakhi One Stop Centre Yojana, Women Helpline 181 and Beti Bachao Beti Padhao initiative.
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6. Epsilon Carbon’s women empowerment efforts win “Best CSR Project of the Year 2024”
- Epsilon Carbon’s program “Sustainable Livelihood Intervention for Women of Shripura Village, Jharsuguda District” empowered 80 women from 5 Self Help Groups (SHGs) through Self Help Groups. The project aimed to enhance efficiency, develop unity among the community with a focus on self-reliance.
- They also involved community members like MBK, CRP and SHGs in the project to create sustainable income generating activities like phenyl manufacturing and tailoring and empowered women in Jharsuguda for financial stability.
- Epsilon Carbon Pvt Ltd has received the prestigious “Best CSR Project of the Year 2024” award for its women empowerment project at the Indian Corporate Social Responsibility Awards, organised by Marketing and Brand Honchos.
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7. सेंट्रल जेल प्रशासन की पहल, महिला कैदियों को भी मिलेगा ‘लाडली बहना’ योजना का लाभ
- नागपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक वैभव आगे ने प्रेस नोट के जरिए बताया कि सेंट्रल जेल में करीब 128 महिला कैदी हैं। टाटा सोशल इंस्टीट्यूट, महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मदद से जेल से रिहा होने के बाद लाडली बहन योजना के तहत महिला कैदियों को गुजर-बसर करने के लिए हर महीने करीब 1500 रुपए प्रशासन देगी।
- राज्य की सभी जेलों में बंद महिला कैदी भी 'लाडली बहन' योजना का लाभ उठा सकेंगी। नागपुर सेंट्रल जेल प्रशासन महिला कैदियों के आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज उनके करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों से लेने की तैयारी कर ली है।
- लाडली बहना योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं। लाडली बहना योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा हर महीने 1250 रुपए की किस्त जारी की जाती है जो सीधे लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में भेजी जाती है।
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