Jan 01, 1970 | Women Empowerment | Daily Report |
Women Empowerment | News Count (10642) | |
1 | Non-Governmental Schemes -> National & International Awards to Common Women | 13 |
2 | Women In Services -> Women In Sports | 1525 |
3 | Women In Services -> Women In Education | 222 |
4 | Women In Services -> Women Entrepreneur | 336 |
5 | Women in Defence -> Women Forest Officers | 24 |
6 | Women In Services -> Women In SHG | 936 |
7 | Women In Services -> Women In Medicine | 108 |
8 | Inspiring Women -> Vedic Women | 16 |
9 | Government Schemes for women -> Schemes for Old Women and Widows | 31 |
10 | Brave Women -> Women Defending Self | 23 |
11 | Inspiring Women -> Life For Society | 89 |
12 | Inspiring Women -> Women in 21st Century | 1443 |
13 | Government Schemes for women -> Schemes For Divyang Women | 15 |
14 | Government Schemes for women -> Actions on superstition | 48 |
15 | Women in Defence -> Women In Air Force | 102 |
16 | Government Schemes for women -> Tribal Women | 38 |
17 | Non-Governmental Schemes -> Schemes By Educational Institutes | 24 |
18 | Transgender People -> Transgenders Helping People | 49 |
19 | Women in Defence -> Women In Crime Branch | 4 |
20 | Women in Defence -> Women In Navy | 59 |
21 | Government Schemes for women -> Women Safety | 116 |
22 | Service During COVID_19 -> Corona Warriors (Doctors, Nurses, Amblulance Drivers, Health Workers) | 18 |
23 | Non-Governmental Schemes -> Achievements of Women/Divyang Women | 85 |
24 | Inspiring Women -> Women 1858 to 1947 | 20 |
25 | Transgender People -> Jobs / Schemes / Laws for Transgenders | 194 |
26 | Government Schemes for women -> Schemes For Women Farmers | 73 |
27 | Startups and innovations by women -> Innovation by Women | 180 |
28 | Brave Women -> Women Saving Others | 48 |
29 | Government Schemes for women -> Scheme for pregnant Women | 112 |
30 | Women In Services -> Women as Social Workers | 173 |
31 | Service During COVID_19 -> Woman saved Life in Corona | 47 |
32 | Women In Services -> Women In Literature | 25 |
33 | Transgender People -> Achievements of Individual Transgenders | 118 |
34 | Women in Farming -> Women In Organic Farming | 384 |
35 | Non-Governmental Schemes -> Schemes By NGOs | 71 |
36 | Transgender People -> Vaccination of Transgenders | 12 |
37 | Government Schemes for women -> Schemes for Transgender | 56 |
38 | Service During COVID_19 -> Free Service (Food, Masks, Equipment, Body Donation) | 37 |
39 | Women In Services -> Women In Judiciary | 88 |
40 | Transgender People -> Self-Employed Transgenders | 30 |
41 | Women in Defence -> Women In Police Force | 341 |
42 | Women in Defence -> Women In Army | 220 |
43 | Women In Services -> Women In Science | 76 |
44 | Women in Farming -> Women In Allied Activities | 366 |
45 | First Women -> First of her kind | 593 |
46 | Government Schemes for women -> Awareness | 47 |
47 | Non-Governmental Schemes -> Schemes By Corporates | 84 |
48 | Government Schemes for women -> Schemes for Girls | 294 |
49 | Inspiring Women -> Women before 1857 | 49 |
50 | Government Schemes for women -> Schemes For Entrepreneurs | 144 |
51 | Government Schemes for women -> Schemes for Women Employment | 382 |
52 | Startups and innovations by women -> Startups by Women | 746 |
53 | Women In Services -> Women In Politics / Panchayat | 205 |
54 | Service During COVID_19 -> Awareness, Motivation, Vaccination Camps | 3 |
55 | Government Schemes for women -> Schemes for handicapped Women | 2 |
56 | Service During COVID_19 -> Vaccination | 9 |
57 | Inspiring Women -> women after 1947 to 2000 | 89 |
101. ड्रोन दीदी योजना ने बदले सुमित्रा के दिन, अब हर महीने 50000 रुपये कर लेती हैं कमाई
- बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी ब्लॉक के छिटकहियां गांव की सुमित्रा कृषि उद्यम से जुड़कर हर महीने पचास हजार रुपये की कमाई कर रही है।
- सुमित्रा कहती हैं कि उन्होनें कृषि ड्रोन से दवा छिड़काव करने के लिए विभिन्न फसलों के अलग-अलग दाम तय किए है। मक्का, गन्ना जैसे बड़े फसलों के लिए एक एकड़ पर चार सौ रुपये लेती है, जिसमें वह आम, लीची के पेड़ों पर दवा छिड़काव के लिए 50 रुपये प्रति पेड़ लेती है।
- सुमित्रा ने बताया कि उन्हें जीविका की मदद से साल 2021 में कृषि उद्यम के तहत खाद बीज दुकान खोलने का लाइसेंस मिला। जिसके बाद घर की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में काफी बदलाव आया है।
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102. जानें कौन है दिव्या देशमुख? विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप का खिताब किया अपने नाम
- दिव्या देशमुख ने गांधीनगर में लड़कियों के वर्ग में वर्ल्ड जूनियर शतरंज चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीता। उन्होंने बुल्गारिया की बेलोस्लावा क्रस्टेवा को हराकर चैंपियन हासिल की।
- दिव्या देशमुख के पास इंटरनेशनल मास्टर की उपाधि है। वह भारत की 2022 महिला शतरंज चैंपियन और 2023 एशियाई महिला शतरंज चैंपियन है।
- दिव्या ने आखिरी राउंड में एकमात्र बढ़त बरकरार रखी, और 5.5 अंकों के साथ प्रबल पसंदीदा के रूप में शुरुआत की। उन्होंने अपना पहला वर्ल्ड जूनियर बालिका शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीता।
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103. सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से समय पर स्कूल यूनिफॉर्म सुनिश्चित करेगी
- हैदराबाद स्कूलों के फिर से खुलने के पहले दिन यूनिफॉर्म उपलब्ध Uniforms available कराने के लिए राज्य सरकार ने इसकी सिलाई का काम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए मानदेय को 50 रुपये से बढ़ाकर 75 रुपये प्रति यूनिफॉर्म कर दिया है।
- मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल कल्याण और पंचायत राज मंत्री दानसारी अनसूया के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों को यह काम सौंपा। मंत्री, जिन्हें सीथक्का के नाम से भी जाना जाता है, ने आवश्यक यूनिफॉर्म की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित की।
- महिला एसएचजी को स्कूल यूनिफॉर्म School uniforms to SHG सिलने का यह आवंटन देश में अपनी तरह का पहला मामला होगा। इसका उद्देश्य न केवल समय पर यूनिफॉर्म उपलब्ध कराना है, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देना है।
- 18,000 ग्राम संगठनों में 64 लाख महिला सदस्यों के साथ, राज्य सरकार ने 15,30,603 यूनिफॉर्म के लिए कार्य आदेश जारी किया। मंगलवार तक लगभग 90% यूनिफॉर्म तैयार हो गई थीं और छात्रों के स्कूल लौटने पर उन्हें वितरित किया जाएगा। राज्य सरकार ने यूनिफॉर्म की सिलाई के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी है।
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104. कचरा बीनने वाली महिलाओं की बदल गई जिंदगी, जानें हर महीने कितना कमाती हैं
- कर्नाटक के दावणगेरे नगर निगम के अंतर्गत 'ग्रीन दल' नामक एक संगठन ने कचरा बीनने वालों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध ग्रीन दल ने शहर में लगभग 1,053 कचरा बीनने वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
- दावणगेरे शहर में अब हर महिला के पास एक सूखा कचरा संग्रहण इकाई है। वे कचरा संग्रहण वाहन से अपने वार्ड के घरों में जाती हैं और लोगों द्वारा दिया गया सूखा कचरा एकत्र करती हैं. उसके बाद उसे सूखा कचरा केंद्र पर ले जाकर प्लास्टिक की बोतलें, पैकेट, नारियल के छिलके, दूध के पैकेट और खाली पानी की बोतलों को अलग करती हैं।
- छांटे गए कचरे को बेचकर अब हर महिला पैसे कमा रही हैं। वे हर महीने 15-20 हजार रुपये कमाती हैं और आराम से जीवन जी रही हैं। निगम से बात करके सूखा कचरा संग्रहण इकाई खोली गई तथा महिलाओं को उद्यमी बनाया गया. कुल 6 केंद्र खोले गए तथा 1000 से ज्यादा लोगों को इसमें रोजगार दिया गया है।
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105. धान-गेहूं नहीं, महिला किसान की इस सब्जी की खेती से चमकी किस्मत, लाखों में होती है कमाई
- बिहार में समस्तीपुर के पटोरी प्रखंड क्षेत्र के हेतनपुर गांव की चंद्रकला देवी 15 कट्ठा जमीन में परवल और नेनुआ की खेती करके सप्ताह में 2000 रुपए की कमाई कर रही है।
- चंद्रकला देवी ने बताया कि,वह वर्तमान में हर 4 से 5 दिनों में परवल की एक क्विंटल से अधिक उपज प्राप्त कर रही है।
- चंद्रकला देवी ने कहा कि वह पिछले 10 वर्षों से सब्जी की खेती कर रही है. उन्होने बताया कि उन्हें सब्जी की खेती करने की प्रेरणा स्थानीय खाद-बीज दुकानदारों से मिली।
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106. पेड़ के पत्तों से तैयार हो रही खाद, पौधों के आ रही काम
- राजस्थान के जयपुर निगम ने स्वयं सहायता समूह के सहयोग से टीम पार्कों में जैविक खाद बनाने का काम शुरू किया है। इस खाद का उपयोग नए पौधों में लगाने में किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पूरी प्रकिया से खाद तैयार कर रही है। प्रत्येक पार्क में दस — दस महिलाओं का समूह काम कर रहा है। तीनों पार्क में अब तक करीब 2 टन के करीब खाद तैयार की जा चुकी है।
- सबसे पहले महिलाएं पार्क में गिरी हुई पेड़ की पत्तियों को एकत्र करती हैं और आस पास के पार्कों से भी पत्तियां लेकर आती हैं।अन्य कचरे को पत्तियों से निकलकर साफ किया जाता है।
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107. इस महिला ने कोविड के समय शुरू किया था स्टार्टअप, बनाई एक अलग पहचान, आज सालाना 50 लाख का टर्नओवर
- राजस्थान में जयपुर की नीतू दूगड़ बेकरी और प्रिजर्वेटिव के फूड आइटम का स्टार्टअप शुरू करके सालाना 50 लाख रुपए की कमाई कर रही है। वह अपने इस बिजनेस में 15 तरह के कुकीज और बेकरी आइटम बनाती है।
- नीतू दूगड़ ने बताया कि, उन्होंने कोविड के समय जयपुर के श्याम नगर में अपने 'फोर नून' फूड स्टार्टअप की शुरुआत की। फोर नून स्टार्टअप में 15 प्रकार से भी ज्यादा प्रिजर्वेटिव फूड तैयार किए जाते है, जिसमें एक महीने में 3 हजार प्रोडक्ट्स सेल हो जाते है।
- नीतू दुगड़ कहती है, कि वह अपने घर पर सभी प्रकार के केक, बैकरी आइटम तैयार करती है,और इन फूड आइटमों में लगातार एक्सपेरिमेंट भी करती रहती है। फोर नून में सबसे ज्यादा फूड आइटम्स की डिमांड बाजार में फेस्टिवल और शादियों के सीजन में रहती है, सभी प्रोडक्ट्स डिमांड के हिसाब से तैयार किए जाते है।
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108. 20 हजार का लोन लेकर किया पशु पालन, अब कमा रही बढ़िया मुनाफा, महिला का ये आइडिया आपके आएगा काम
- झारखंड में गोड्डा के मेहरमा बलकपुर की पुष्पा देवी ने JSLPS से ऋण लेकर पशु पालन से खुद का पारंपरिक स्वरोजगार शुरू किया। जिसमें वह गाय, बकरी, मुर्गी पालन करके प्रति माह 15 से 20 हजार रुपए की कमाई कर रही है।
- पुष्पा ने बताया कि उनके पास 20 मुर्गी है, जिससे वह 150 रुपए की रोजाना कमाई कर लेती है, और वह 15 बकरी से खस्सी बेचकर सालाना 1 लाख रुपए की कमाई कर रही है।
- पुष्पा ने कहा कि, उनकी दुधारू गाय रोजाना 14 लीटर दूध रोज देती है। जिससे वह महीने में 2 से 3 हजार रुपए बचा लेती है, और इसके साथ वह सब्जी की खेती से सालाना 50,000 रुपए के कमा लेती है।
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109. 50 हजार के कर्ज से शुरू किया लहठी कारोबार, रोजाना 150 सेट से ज्यादा की बिक्री, कमाई के साथ दे रहीं रोजगार
- झारखंड के गोड्डा की जायल खातून ने JSLPSसे तकरीबन 50,000 रुपए लोन लेकर लहठी कंगन बनाने का कारोबार शुरू किया। जायल JSLPS के कलाम पाक महिला आजीविका समहू सखी मंडल से जुड़ी। जिसके बाद उन्हें ऋण मिला। JSLPS से ही उन्हें लहठी बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण भी प्राप्त हुआ।
- जायल कंगन बनाने के कारोबार से रोजाना तीन से चार महिला को रोजगार देने के साथ खुद 10 से 15 हजार रुपए तक की आमदनी कर लेती है।
- जायल रोजाना 100-150 सेट लहठी तैयार करती है। इन लाठियां को वह गांव-गांव घूम कर बीच लेती है। इसके अलावा लोग घर पर भी आकर उनके घर से खूबसूरत लहठियां खरीद कर ले जाते हैं।
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110. 1 बीघा जमीन में 3 सब्जी की खेती, रोजाना 1000 रुपए का मुनाफा, अब संपन्न किसान हैं गोड्डा की ये दीदी
- झारखंड में गोड्डा ज़िले के मेहरमा की मोनी देवी कृषि विज्ञान केंद्र के नए तकनीक से खेती करके रोज 1000 रुपए की कमाई कर रही है।
- मोनी ने बताया कि उन्होनें 30,000 हजार रुपए ऋण लेकर खेती की शुरुआत की। जिसमें वह 1 बिघा जमीन में एक साथ 3 अलग-अलग सब्जी की खेती का उत्पादन करके 3 गुना मुनाफा कमा रही है।
- मोनी देवी ने मचान विधि से कद्दू, नेनुआ, और बैंगन की बहुस्तरीय खेती कर रही है।
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